कहना तो बहुत कुछ चाहता हु लेकिन कोष मे शब्द नहीं मिलते। जानकारिया तो बहुत है ओर
जानकर क्या करूँगा। जितना है वोह क्या कम है। जिन्दगी मे ओर भी बहुत कुछ है सिवाए जीने के।
मेरा धन मेरा स्वाभिमान है। जिसे मै बचाकर रखता हूँ।
मानव का ज्ञान कुबेर का खजाना है। खंगालिए तो जाने अनंत ज्ञान का समुन्द्र है जिसमे आप गोते लगाते
रह जायेंगे.